जो बात मुनासिब है वो हासिल नहीं करते,जो अपनी गिरह में हैं वो खो भी रहे हैं,बे-इल्म भी हम लोग हैं ग़फ़लत भी है तेरी,अफ़सोस कि अंधे भी हैं और सो भी रहे हैं।For More Hindi Poetry :https://themotivationaladda.blogspot.com/search/label/Hindi%20Poetry
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