Apne Hone Ka Ham Is Tarah Pata Dete The - Rahat Indori - Sad Poetry in Urdu

Sad Poetry in Urdu

Friendship poetry in Urdu,sad Poetry in Urdu,poetry in Urdu Text, Urdu poetry,Hindi shayari,attitude poetry in Urdu,romantic poetry,Urdu sms,poetry.

Please click here and perform on the page If you from Usa 👇👇

Tuesday, November 26, 2019

Apne Hone Ka Ham Is Tarah Pata Dete The - Rahat Indori

अपने होने का हम इस तरह पता देते थे
खाक मुट्ठी में उठाते थे, उड़ा देते थे

बेसमर जान के हम काट चुके हैं जिनको
याद आते हैं के बेचारे हवा देते थे

उसकी महफ़िल में वही सच था वो जो कुछ भी कहे
हम भी गूंगों की तरह हाथ उठा देते थे

अब मेरे हाल पे शर्मिंदा हुये हैं वो बुजुर्ग
जो मुझे फूलने-फलने की दुआ देते थे

अब से पहले के जो क़ातिल थे बहुत अच्छे थे
कत्ल से पहले वो पानी तो पिला देते थे

वो हमें कोसता रहता था जमाने भर में
और हम अपना कोई शेर सुना देते थे

घर की तामीर में हम बरसों रहे हैं पागल
रोज दीवार उठाते थे, गिरा देते थे

हम भी अब झूठ की पेशानी को बोसा देंगे
तुम भी सच बोलने वालों के सज़ा देते थे...


                                        - राहत इंदौरी 








For More GAZALS visit :https://themotivationaladda.blogspot.com/search/label/Gazals

No comments:

Post a Comment